Paul Reiffel Umpire : डीआरएस (DRS) में Umpire Call के फायदे और नुकसान

खबर सार :-
Paul Reiffel Umpire: भारत-इंग्लैंड तीसरे टेस्ट मैच में DRS के 'अंपायर कॉल' नियम को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। ऑस्ट्रेलियाई अंपायर पॉल रीफेल के कुछ फैसलों ने खिलाड़ियों और विशेषज्ञों में नाराजगी भड़काई। इस नियम के अनुसार, यदि बॉल-ट्रैकिंग में गेंद स्टंप्स के 50% से कम हिस्से को छूती है, तो ऑन-फील्ड अंपायर का निर्णय ही मान्य माना जाता है।

Paul Reiffel Umpire : डीआरएस (DRS) में  Umpire Call के फायदे और नुकसान
खबर विस्तार : -

Umpire Call DRS Rules : भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान कई विवादित अंपायरिंग फैसले सामने आए हैं। खासकर ऑस्ट्रेलियाई अंपायर पॉल रीफेल के। एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी सीरीज 1-1 से बराबरी पर है और चौथे और पांचवे दिन के खेल में  कुछ निर्णयों ने पूर्व खिलाड़ियों और फैंस की तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरीं। भारत के तीसरे टेस्ट में भारत हार तय दिख रही।। आइए जानते है कि किस नियम के चलते यह पूरा बवाल मचा हुआ है। आखिर क्या है डीआरएस के दौरान अंपायर कॉल का नियम।

एलबीडब्ल्यू के मामले में डीआरएस लेते समय अंपायर कॉल का नियम

क्रिकेट में अंपायर कॉल (Umpire’s Call) डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर एलबीडब्ल्यू (Leg Before Wicket) के फैसलों में। यह नियम तब लागू होता है जब बॉल-ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी से मिले परिणाम मामूली या अनिर्णायक हों। आइए इसे विस्तार से समझें:-

अंपायर कॉल क्या है?

परिभाषा: जब DRS के तहत बॉल-ट्रैकिंग से पता चलता है कि गेंद स्टंप्स से 50% से कम हिस्से से टकरा रही है (या इम्पैक्ट/पिचिंग मार्जिनल है), तो ऑन-फील्ड अंपायर का मूल निर्णय ही मान्य रहता है। इसे ही 'अंपायर कॉल' कहते हैं।
उद्देश्य: टेक्नोलॉजी की सीमित सटीकता को देखते हुए, अंपायर के निर्णय को प्राथमिकता देना।

अंपायर कॉल कब लागू होता है?

DRS में एलबीडब्ल्यू के लिए तीन जोन मायने रखते हैं:

पिचिंग जोन: गेंद पिच पर कहां टप्पा खा रही है?
यहां 50% से अधिक गेंद लाइन के अंदर होनी चाहिए, वरना अंपायर का निर्णय बरकरार रहेगा।
इम्पैक्ट जोन: गेंद बल्लेबाज के पैड/बैट पर कहां लगी?
अगर 50% से कम गेंद स्टंप्स की लाइन में है, तो अंपायर कॉल माना जाता है।
विकेट जोन: गेंद स्टंप्स को हिट करेगी या नहीं?
यदि गेंद स्टंप्स के किसी भी हिस्से (बेल्स समेत) को छूती है, लेकिन 50% से कम, तो अंपायर का निर्णय प्रमुख होगा।

उदाहरण:
केस 1: अंपायर ने 'आउट' दिया, लेकिन DRS में 40% गेंद स्टंप्स को छू रही है → आउट (अंपायर कॉल)।
केस 2: अंपायर ने 'नॉट आउट' दिया, और DRS में 45% गेंद स्टंप्स को छू रही है → नॉट आउट (अंपायर कॉल)।

विवाद क्यों?

50% का नियम: कई खिलाड़ियों (जैसे सचिन तेंदुलकर, बेन स्टोक्स) का मानना है कि थोड़ा भी स्टंप्स को छूना आउट होना चाहिए, क्योंकि गेंद विकेट हिला सकती है।
टेक्नोलॉजी की सीमा: हॉक-आई ट्रैकिंग गेंद के स्विंग/स्पिन को पूरी तरह कैप्चर नहीं कर पाती।
रिव्यू की बचत: अंपायर कॉल की स्थिति में टीम अपना रिव्यय नहीं खोती (नियम 2023 से)।

अंपायर कॉल DRS का एक संतुलन है, जो टेक्नोलॉजी और मानवीय निर्णय को साथ लेकर चलता है। हालांकि, यह खिलाड़ियों और प्रशंसकों के बीच बहस का विषय बना रहता है।